राष्ट्र का सम्मान सर्वोपरि

राष्ट्र  का  सम्मान  सर्वोपरि 

हर  व्यक्ति  अपने - अपने  स्तर  पर राष्ट्र का सम्मान कर सकता है। हमें अपने  राष्ट्र को अपना धर्म समझना चाहिए। यह समझना चाहिए की यदि राष्ट्र है तो हम हैं। हर व्यक्ति के लिए राष्ट्रधर्म सर्वोपरि होना चाहिए। हमें राष्ट्र की हर तरह से सेवा करनी चाहिए। आज कल तो राष्ट्र को राजनीती का अखाडा बना दिया गया हैं। राजनीती मे मतभेद हो सकते हैं पर मनभेद नहीं होना चाहिए। यदि देश में प्राकृतिक आपदाएं जैसे सुनामी,भूकंप ,अनावृष्टि ,बाढ़ , अकाल की स्थिति मे तथा देश मे आंतरिक या विदेशी आतंकवाद व विदेशी आक्रमण हो तो सब भारतियों को एकजुट होकर  मुकाबला करना चाहिए - उदाहरण के तौर पर इज़रायली जनता के राष्ट्रप्रेम से सीख लेनी चाहिए जिससे हमारा देश उन्नति करेगा। परन्तु,आजकल हमारे देश में इसका विपरीत ही हो रहा है। कुछ राजनैतिक दल इसके अनुकूल ही चल रहे हैं।  जब भारत ने पुलवामा अटैक का जवाब एयर स्ट्राइक से  दिया था तब खुश होने के बजाए कुछ राजनैतिक दलों ने हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री पर शर्मनाक प्रश्न किएँ और इसके होने पर शक किया।अंत में मै आप सभी से इतना ही कहना चाहती हूँ कि राष्ट्र का सम्मान करें ,इसके गौरव को बनाए रखें व राष्ट्रधर्म का पालन करें। 

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